Description
Shri Garg Sanhita , With Hindi Transalation ( DashKhandatmika) By Gita Press , Gorakhpur , Hardcover , Code 2260
यह ग्रन्थ यदुकुलके महान् आचार्य महामुनि श्रीगर्गकी रचना है। इसमें श्रीमद्भागवतमें सूत्ररूपसे वर्णित श्रीराधाकृष्णकी लीलाओंका विस्तृत वर्णन किया गया है। श्रीराधाजीके दिव्य आकर्षणसे आकर्षित भगवान् श्रीकृष्णका रासरासेश्वरी श्रीराधा एवं गोपिकाओंके साथ रासलीलाका इतना सुन्दर और सरस वर्णन अन्यत्र दुर्लभ है। पूर्वजन्ममें गोपिकाओंद्वारा श्रीकृष्ण-प्रेमकी प्राप्तिके लिये की गयी तपस्या तथा उनकी सरस कथाओंका भी इसमें सुन्दर वर्णन किया गया है। भगवान् श्रीकृष्णके अनुरागी भक्तोंके लिये यह दिव्य ग्रन्थ नित्य स्वाध्यायका विषय है।The Garga Samhita is a Sanskrit text attributed to Maharishi Garga, a revered sage and the chief priest of Krishna’s clan, the Yadavas. It delves into the love story of Radha and Krishna, expanding upon the brief accounts found in the Srimad Bhagavatam.यह ग्रन्थ यदुकुलके महान् आचार्य महामुनि श्रीगर्गकी रचना है। इसमें श्रीमद्भागवतमें सूत्ररूपसे वर्णित श्रीराधाकृष्णकी लीलाओंका विस्तृत वर्णन किया गया है। श्रीराधाजीके दिव्य आकर्षणसे आकर्षित भगवान् श्रीकृष्णका रासरासेश्वरी श्रीराधा एवं गोपिकाओंके साथ रासलीलाका इतना सुन्दर और सरस वर्णन अन्यत्र दुर्लभ है।
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