Description
Bhajan Sangrah By Goswami Tulsidas , Surdas and Kabirdas and more…. ( Gita Press , Gorakhpur ) Paperback , Code 54
भक्त अंतःकरण से अपने इष्ट की उपासना में एवं उनके अलंकारिक छटा के वर्णन में, उनके ऐश्वर्यशाली स्वरूप की अर्चना तथा अपने दैत्य-समर्पण में भावात्मक गीतों का उद्गार ही भजन कहलाता है, जो ताल और लय के साथ मन को एकाग्र कर प्रभु के श्रीचरणों में निवेदित होकर आत्म-निवेदन बन जाता है। इस पुस्तक में साधकों के मन को प्रभु-लीला में तन्मयता के उद्देश्य से गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी, मीराबाई, श्रीसूरदासजी आदि छाछठ भक्त सन्तों के भजनों का संकलन किया गया है। पुस्तक के अन्त में गोलोकवासी श्री हनुमानप्रसाद जी पोद्दार के पदों का संग्रह है। This book contains bhajans of sixty six saints and poets viz. Goswami Tulsidas, Meerabai, Soordas etc. At the end of the book verses written by Shri Hanumanprasad ji Poddar are given.
Reviews
There are no reviews yet.