Shrima Bhagwat Mahapuran (श्रीमभागवतमहापुराण) ( 2 Volumes , Hindi Anbad sahit, Code- 1951,1952 By Maharishi Ved Vyas Ji ( Gita Press , Gorakhpur )

Original price was: ₹1,599.00.Current price is: ₹1,499.00.

Edition : 2024

Pages : 3228

Size : 28x19x7 cm

Author : Maharishi Ved Vyas Ji

Weight : 5 kg

श्रीमद्भागवत महापुराण (Shrimad Bhagavata Mahapurana) हिंदू धर्म के अठारह प्रमुख पुराणों में से एक है, जिसे सबसे पवित्र और महत्त्वपूर्ण ग्रंथों में गिना जाता है। यह पुराण भगवान विष्णु के अवतारों, विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और भक्तिमार्ग का विस्तार से वर्णन करता है। भागवत पुराण में 12 स्कंध (अध्याय) और 18,000 से अधिक श्लोक हैं, जो भगवान की महिमा, सृष्टि की उत्पत्ति, और धर्म, भक्ति, ज्ञान के विभिन्न पहलुओं को समाहित करते हैं। इस ग्रंथ का मुख्य उद्देश्य भक्तों को भगवान विष्णु, विशेषकर उनके श्रीकृष्ण अवतार के प्रति अनन्य भक्ति की प्रेरणा देना है। इसमें भगवान विष्णु के दशावतारों का वर्णन किया गया है, और उनके द्वारा अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना की कथाएँ सुनाई गई हैं। श्रीमद्भागवत महापुराण का सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध हिस्सा दशम स्कंध है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, उनकी बाल लीलाएँ, गोपियों के साथ रासलीला, और कंस जैसे राक्षसों के संहार की कहानियाँ विस्तार से बताई गई हैं। इसके साथ ही, भागवत पुराण में प्रह्लाद और ध्रुव जैसे भक्तों की गाथाएँ भी शामिल हैं, जो यह सिखाती हैं कि ईश्वर में अटूट विश्वास और भक्ति कैसे जीवन में महान सफलताएँ दिला सकती है और अंततः मोक्ष प्रदान करती है। इस ग्रंथ का एक महत्वपूर्ण संदेश यह है कि केवल ज्ञान और कर्म से मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती, बल्कि सच्ची और निःस्वार्थ भक्ति (भक्तियोग) से भगवान की कृपा प्राप्त होती है। श्रीमद्भागवत पुराण में भक्तिमार्ग की महत्ता पर विशेष रूप से जोर दिया गया है, जो इसे हिंदू धर्म के भक्ति आंदोलन के प्रमुख ग्रंथों में स्थान दिलाता है। यह पुराण न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें नैतिकता, दार्शनिक दृष्टिकोण और जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण प्रदान करने वाली कथाएँ और उपदेश भी शामिल हैं। श्रीमद्भागवत महापुराण को नियमित रूप से पढ़ने, सुनने, और मनन करने से व्यक्ति अपने जीवन में आध्यात्मिक उत्थान और मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। इसे भगवान विष्णु, विशेषकर श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय और मार्गदर्शक ग्रंथ माना जाता है।

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