Asli Lahori Shrimad Bhagwat Geeta (18 Adhyay Mahatma Sahit) असली लाहौरी श्रीमद्भागवत गीता (18 अध्याय महात्म सहित) Published By Pankaj Prakashan , Pages – 240 , MRP – 200 , पहला अध्याय श्रीमदभगवद्गीता भाषा प्रारम्भ श्री ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, करने से तेरे पूर्ण ब्रह्म को पाता है । हे प्रभो ! मैं आपकी शरण में पड़ा हूँ, किशोरदास और कृष्णदास जो दीन गरीब हैं, और आप कैसे हो, जो सन्तों की विनय को मान लेते हो । हे कमलावल्लभ, श्री कृष्ण भगवान् जी ! हे कृपानिधान जी ! तेरे सन्तों एवं भक्तों के वास्ते मैं यह गीता ज्ञान भाषा में कहता हूँ । पहला अध्याय जब कौरव और पाण्डव महाभारत के युद्ध को चले, तब धतराष्ट्र ने कहा- मैं भी युद्ध देखने चलूँगा वासुदेव विश्वेश्वराय आदिपुरुष अपरम्पारि पुरुषाय नमः । दोहा – जगत बन्धु ज्योति स्वरूप, जिय की जाननहार । हरियश मांगन आयौ, दास प्रभु के द्वार ॥ जो अर्जुन को श्री भगवान् जी ने गीता-ज्ञान दिया है सो मुझको मिले । भय-भंजन भगवान् श्री कृष्णचन्द्रजी से किशोरदास माँगता है । हे प्रभु ! गीला-ज्ञान के उच्चारण
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